नगरद परिषद की ओर से शहर में कराया जा रहा फैमिली आईडी व जरूरतमंदों का सर्व फिजिकली पूरा हो गया है। अब इस डाटा को ऑनलाइन किया जा रहा है। इस सर्वे में 15 हजार से अधिक परिवारों का आंकड़ा सामने आया है। इसमें बिना राशन कार्ड के ऐसे लोग जिन्हें सरकार की योजना के तहत राशन की जरूरत है, इसमें 738 परिवारों की सूची बनाई गई है। इस डाटा को अब ऑनलाइन किया जाएगा, जिसके बाद जिला प्रशासन सरकार के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। कोरोना प्रकोप के बीच लॉकडाउन लगने के चलते प्रदेश सरकार की ओर से सर्वे शुरू कराया गया। इसमें पहले जरूरतमंद परिवारों व लोगों का आंकड़ा लेने का प्रयास किया गया, लेकिन उसमें काफी खामियां मिलने के बाद दोबारा से सर्वे कराया गया। इस बार इस सर्वे को जरूरतमंदों का आंकड़ा एकत्र करने से ज्यादा फैमिली आईडी बनाने के नाम डाटा लिया गया। बार-बार सर्वे को लेकर इसमें लगे अध्यापकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि इस सर्वे को पहले अप्रैल के महीने ही पूरा करना था, लेकिन बार-बार सर्वे करने व धीमी प्रक्रिया करने की वजह से अब जाकर सर्वे का डाटा नगर परिषद को मिल पाया है।
15 हजार परिवार की आईडी मिली
इस सर्वे में शहर में 15 हजार से अधिक फैमिली आईडी का डाटा लिया गया है। इसमें से 9 हजार से अधिक परिवारों का डाटा ऑनलाइन फीड किया जा चुका है। बाकी डाटा एक सप्ताह में फीड करने का दावा किया गया है। उसके बाद यह सारी लिस्ट जिला प्रशासन व सरकार को भेजी जाएगी। जिसके आधार पर सरकार आगे क्या निर्णय लेती है, यह समय ही बताएगा।
पहले वोटर लिस्ट से किया जा रहा था सर्वे, बाद में सिस्टम बदला
बता दें सरकार की ओर से कोरोना व लॉकडाउन के बीच लोगों को जरूरत के हिसाब से राशन व अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सर्वे शुरू कराया गया था। इस सर्वे में वोटर लिस्ट के हिसाब से शुरू करा दिया गया। इसमें अध्यापकों, बीएलओ के साथ-साथ संबंधित एरिया के सोशल वर्कर की ड्यूटी लगाई गई। वहीं जो फार्म जारी किया गया, उसमें काफी खामियां थी। फार्म में सर्वे टीम से केवल यही जानकारी मांगी गई थी कि उनके एरिया के बूथ व यूनिट में कितने गरीब व बीपीएल परिवार हैं। इस तरह के सर्वे से राशन वितरण में गड़बड़ी की पूरी संभावना बनी हुई थी। इसे लेकर दैनिक भास्कर ने 12 अप्रैल को अपने अंक में राशन के लिए हो रहे सर्वे की अफसरों को नहीं जानकारी वोटर लिस्ट देखकर कर रहे काम, फार्म में भी कई खामियां नामक समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और सरकार को इस सर्वे सिस्टम में बदलाव की सिफारिश की।
738 जरूरतमंद मिले
इस सर्वे में लगी टीमों को यह भी रिपोर्ट देनी थी कि शहर में बिना राशन कार्ड वाले ऐसे कितने लोग हैं, जिन्हें सही में सरकार की ओर से राशन आदि की जरूरत है। ऐसे पात्र लोगों की सूची तैयार की जानी थी। इस सर्वे में फैमिली आईडी बनाने के साथ-साथ 738 ऐसे परिवारों को चयनित किया गया है, जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं।
नगर परिषद की ओर से शहर में फैमिली आईडी व जरूरतमंदों को राशन के पात्रों की सर्वे पूरा हो गया है। अब सारा डाटा ऑनलाइन किया जा रहा है। अब तक 738 लोग ऐसे हैं, जिन्हें राशन का पात्र माना गया है। डाटा ऑनलाइन कर जिला प्रशासन व सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी। जिसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी।'' जितेंद्र कुमार, ईओ, नगर परिषद।
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source https://www.bhaskar.com/local/haryana/hisar/fatehabad/news/family-id-survey-of-15-thousand-families-of-the-city-completed-online-data-feed-of-9-thousand-127302764.html
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