कैंटोनमेंट बोर्ड के पार्षद सुरेंद्र तिवारी की 3 वर्ष बाद भाजपा में बेशक वापसी हो गई है, मगर अभी भी तिवारी व उनकी पत्नी पर आपराधिक मामला दर्ज हैं जोकि अदालत में विचाराधीन हंै। एक मामला कैंटोनमेंट बोर्ड के उपाध्यक्ष अजय बवेजा की शिकायत पर दर्ज हुआ था जबकि दूसरा पीडब्ल्यूडी द्वारा 2018 में दर्ज कराया गया था। पार्टी में उनकी वापसी को दोनों मामलाें से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं पार्षद तिवारी का कहना है कि वह पार्टी में लौटे हैंञ कुछ मतभेद पहले थे, मगर बाप-बेटे में लड़ाई होती रहती है।
अप्रैल 2017 में अजय बवेजा से लड़ाई के बाद पार्टी से निष्कासित हुए सुरेंद्र तिवारी की राह अलग हो गई थी और उन्हें तब बोर्ड उपाध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया है। पार्षद तिवारी द्वारा इसके बाद भाजपा में लौटने के प्रयास भी किए गए थे, मगर मंत्री अनिल विज से मन मुटाव के दौरान यह संभव नहीं हो सका। इसके उपरांत 26 नवंबर 2018 में पार्षद सुरेंद्र तिवारी की पत्नी एवं दुर्गा कोऑपरेटिव सोसाइटी की मालिक कुमुद तिवारी पर पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन की शिकायत पर रेस्ट हाउस के फर्स्ट फ्लोर निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। 66.54 लाख के इस टेंडर का काम तत्काल प्रभाव से रुकवा दिया गया था। इस घटना के बाद भी पार्षद तिवारी व पार्टी के बीच मनमुटाव ज्यादा हो गया जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। मगर अब हुई मध्यस्थता के बाद वह पार्टी में पुन: शामिल हो गए हैं। कार्यकर्ताओं में चर्चा है कि बेशक वह पार्टी में लौटे हैं, मगर पहले जैसा ओहदा पार्टी में अब उन्हें शायद ही मिल सके। मगर दूसरी ओर पार्षद तिवारी इस सब चर्चाओं से दरकिनार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह भाजपा में वापस लौटे हैं और किसी व्यक्ति विशेष से उनका कोई मसला नहीं है। पहले मंत्री विज से कुछ मनमुटाव अवश्य थे, मगर वह उनके पिता के सामान है। जो था वह अब “पूर्व’ हो चुका है, वह सबकुछ भूल कर वापस पार्टी में आए है।
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source https://www.bhaskar.com/local/haryana/ambala/news/tiwaris-return-to-bjp-after-3-years-those-2-cases-still-in-court-due-to-which-the-party-was-missed-127304629.html
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