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बेमोसमी बरसात वन संपदा व वन्य जीव-जंतुओं के लिए बनी वरदान

बेमोसमी बरसात होना वन संपदा और वन्य जीव-जंतुओं के लिए वरदान साबित हो रही है। वन विभाग और वन्य प्राणी विभाग में इस बात की खुशी की लहर है। हर साल आग लगने से जंगल का लगभग 100-150 हैक्टेयर एरिया आग की भेंट चढ़ जाता था। इसमें वन संपदा के साथ साथ वन्य जीवों को भी नुकसान उठाना पड़ता है। मैदानी इलाकों में तो कर्मचारियों की सहायता से जंगल में लगी आग को काबू किया जा सकता है। बरसात का सीजन मई तक पहुंच गया है जिससे वन विभाग को इस बात का सुकून है। जुलाई से फिर बरसाती सीजन शुरू हो जाएगा।

वन विभाग के लिए 15 मार्च से शुरू होता है फायर सीजन | जिले में स्थित जंगल को आग की घटनाओं से बचाने के लिए हर साल वन विभाग की ओर से जंगल में स्थित फायर लाइनों की सफाई कराई जाती है जोकि अबकी बार वन्य प्राणी विभाग इनकी सफाई करा रहा है। यह सीजन मार्च से शुरू होकर जून तक चलता है, जिसमें लगभग पचास मजदूर भी विभाग द्वारा लगाए जाते हैं। फायर लाइनें किसी भी जंगल में लगी आग को काबू करने में सहायक होती हैं। कलेसर रेंज में 30 हजार एकड का एरिया जंगल का लगता है जिसमें 11470 एकड़ एरिया रिजर्व फाॅरेस्ट में आता है।

वर्ष 2010 में जला था सर्वाधिक जंगल| आग लगने की घटनाएं आम बात होती हैं। गर्मी के दिनों में जंगल में लगी आग को बुझाना भी विभाग की नींद खराब कर देता है। वर्ष 2010 में हिमाचल की ओर से आई आग के कारण कलेसर जंगल का लगभग 410 एकड़ का जंगल नष्ट हुआ था। इस आग में जहां वन संपदा को भारी नुकसान हुआ था तो वहीं सैकड़ाें वन्य जीवों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।


इसी तरह कलसिया रेंज छछरौली में बीते तीन सालों में लगभग 50 एकड़ जंगल आग की भेंट चढ़ चुका है। कलसिया रेंज छछरौली में 4277 हैक्टेयर एरिया में जंगल है। पूरे जिले में 21756 हैक्टेयर एरिया में जंगल स्थित है। कलसिया रेंज छछरौली में आग लगने की घटनाएं ज्यादातर मैदानी इलाकों में हुई हैं। जंगल में आग लगने की ये सारी घटनाएं अप्रैल, मई और जून के महीने में ही घटित हुई हैं। जिला वन अधिकारी सूरजभान का कहना है कि इस बार बरसातें अधिक होने से अधिक गर्मी नहीं हो रही है जिससे जंगल हराभरा नजर आ रहा है। आग लगने की भी कोई घटना नहीं हुई। फायर लाइनों की सफाई करवा दी गई है। कर्मचारियों व मजदूरों को भी जंगल के निगरानी के लिए लगा रखा है।



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A boon made for unmatched rainy forest wealth and wildlife.


source https://www.bhaskar.com/local/haryana/ambala/yamunanagar/news/a-boon-made-for-unmatched-rainy-forest-wealth-and-wildlife-127296276.html

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