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भिवानी संघर्ष समिति का संघर्ष लाया रंग, महम रोड़ चौखानी इस्टेट में फर्जी पीआईडी हुई रद्द

भिवानी संघर्ष समिति का संघर्ष लाया रंग, महम रोड़ चौखानी इस्टेट में फर्जी पीआईडी हुई रद्द
भिवानी, 22 अगस्त : स्थानीय महम गेट पर चौखानी इस्टेट स्थित गली नंबर-1 के फर्जी पीआईडी को रद्द करवाने व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पीडि़त मुरारीलाल सैनी का परिवार पिछले करीबन 9 माह से संघर्षरत्त था तथा अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट -काटकर न्याय की गुहार लगा रहा था। जिसके बाद पीडि़त के संघर्ष को करीबन दो माह से भिवानी संघर्ष समिति का साथ मिला तथा उनका संघर्ष तेज हुआ तथा अब लगभग 9 माह बाद पीडि़त परिवार का संघर्ष रंग लाया तथा इस मामले में बनवाई गई फर्जी पीआईडी भिवानी नगर परिषद द्वारा रद्द कर दी गई है। जिसके बाद अब पीडि़त परिवार भिवानी संघर्ष समिति व अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ वीरवार को उपायुक्त महाबीर कौशिक से मिले तथा इस मामले में रजिस्ट्री रद्द करवाने, गली में डाले गए सामान उठाने व फर्जी पीआईडी बनाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग का ज्ञापन सौंपा। इस बारे में पीडि़त मुकेश सैनी, पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश प्रजापति, सैनी विचार मंच के संस्थापक सदस्य सुरेश सैनी, भिवानी सैन जागृति एवं जनकल्याण मंच से रणबीर भाटी ने बताया कि कुछ भू-माफियाओं द्वारा नगर परिषद के कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी कागजात तैयार करके महम गेट पर चौखानी इस्टेट स्थित गली नंबर-1 पर अवैध रूप से कब्जा किए जाने के प्रयास किए जा रहे थे। उन्होंने बताया कि यह गली पिछले करीबन 25 वर्षो से पक्की बनी हुई थी, जिसमें सीवरेज व पेयजल लाईन भी डली हुई है। यही नहीं यह गली नगर परिषद के नक्शों में पास की गई है। इसके बावजूद भी भू-माफिया ने अवैध रूप से नगर परिषद से फर्जी पीआईडी बनवाई गई तथा इस पीआईडी की गूगल पर कोई लोकेशन तक नहीं है। उन्होंने बताया कि आरोपी फर्जी पीआईडी के आधार पर गली को अपनी नीजि फायदे के लिए बंद करना चाहता था। जिसके खिलाफ गली निवासी मुकेश सैनी के परिवार ने आवाज उठाई तथा पिछले करीबन 9 माह से संघर्ष कर रहा था। जिस संघर्ष का परिणाम अब उन्हे मिला है तथा शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय हरियाणा चंडीगढ़ से फर्जी पीआईडी रद्द करने के आदेश पारित हुए है। इसके अलावा फर्जी पीआईडी बनाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई के आदेश किए गए है। उन्होंने बताया कि उपायुक्त को मांगपत्र सौंपते हुए पीडि़त परिवार व अन्य सामाजिक संगठनों ने इस मामले में रजिस्ट्री रद्द करवाने, गली में डाले गए सामान उठाने व फर्जी पीआईडी बनाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई है। इस अवसर पर चिरंजीलाल सैनी, सतीश शर्मा, इंजीनियर सुरेश सैनी, ओमकार सैनी, दिनेश, ओमप्रकाश, विजय, श्रीराम भी साथ रहे।
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गौरतलब होगा भिवानी नगर परिषद में करीबन 3 वर्षो पहले भी 300 करोड़ रूपये के करीबन का घोटाला हुआ था। जिसमें नगर परिषद के कई बड़े अधिकारी व कर्मचारियों की संलिप्ता पाई गई थी। इस मामले में बहुत से आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। जिसकी अब भी सीबीआई जांच जारी है। इसके बाद अब एक बार फिर से नगर  परिषद द्वारा फर्जी पीआईडी बनाने का मामला सामने आना प्रदेश सरकार के जीरो टोलरेंस के नारे पर तमाचा मारने का काम कर रहा है ! 

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