वैसे ताे अभी भी यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश के श्रमिकाें का हाईवे व अन्य मार्गाें से पैदल ही अपने घर जाने का क्रम जारी है। मगर भास्कर द्वारा लगातार श्रमिकाें की समस्याएं के मुद्दे को उठाए जाने का असर यह हुअा है कि पैदल ही घराें के लिए जा रहे श्रमिकाें की मदद काे प्रशासन के अलावा सामाजिक संगठन भी अागे अाए हैं। हालांकि अभी भी श्रमिक काम न हाेने के कारण घर ही जाने की जिद पर अड़े हैं। डीसी के निर्देश पर पैदल ही जा रहे श्रमिकाें की देखरेख के लिए अलग से टीमाें का गठन किया गया। जाे श्रमिकाें काे शेल्टर हाेम पहुंचा रही हैं। विश्व कर्मा धर्मशाला, राधा स्वामी सत्संग भवन के अलावा शनिवार काे ब्राह्मण धर्मशाला में भी श्रमिकाें के लिए शेल्टर हाेम बना दिया गया। यहां पर 80 श्रमिकाें काे ठहराया गया। । शनिवार काे भास्कर ने पड़ताल की ताे प्रशासन की टीम जहां श्रमिकाें काे दूध, बिस्कुट अाैर खाना उपलब्ध कराती नजर अाई। इसके अलावा आसपास क्षेत्र के सामाजिक संगठन भी श्रमिकाें की मदद काे अागे अाए है। सामाजिक संगठनाें ने भी श्रमिकाें काे खाना उपलब्ध कराया।
बस घर पहुंचा दिया जाए : ब्राहमण धर्मशाला में शनिवार काे ही भास्कर की खबर के बाद 80 श्रमिकाें काे ठहराया गया। बिहार के मधेपुरा के श्रमिक मुनीम, वकील, सुनील ने कहा कि खाने अाैर दूध की व्यवस्था प्रशासन करा रहा है। मगर बिहार उनके घर पर भी राशन खत्म हाे चुका है। जल्द से जल्द उन्हें घर पहंुचाया जाए। चाैधरीवास गांव में बिहार, यूपी के 100 मजदूर फंसे हुए है, जिन्हें ग्रामीण विजय कुमार अाैर अन्य प्रतिदिन खाना उपलब्ध करा रहे हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
source https://www.bhaskar.com/local/haryana/hisar/fatehabad/news/handled-migrants-no-one-will-return-helpless-127309917.html
0 Comments