छछरौली अनाज मंडी में बाहरी राज्यों के गेहूं के आने का सिलसिला लगातार जारी है। ट्राॅलियों के नदी के रास्ते आने से कस्बा वासियों के मन में कोरोना संक्रमण के खतरे का डर फैला हुआ है। कस्बा वासी कई बार बाहरी राज्यों के गेहूं के आने पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं लेकिन बावजूद इसके बाहरी राज्य की गेहूं आने की रोकथाम के लिए जिम्मेदार अधिकारी किसी भी तरह के ठोस प्रशासनिक कदम अभी तक नहीं उठाए गए हैं। सीमाएं भी सील की गईं, लेकिन उसके बाद भी अनाज मंडियों में ट्रैक्टर-ट्रॉली द्वारा अनाज लेकर आने वाले मजदूरों, ठेकेदारों, व्यापारियों और वाहन चालकों का आना लगातार जारी है। मार्केट कमेटी के कर्मचारियों पर आरोप लग रहे हैं कि उनकी मिलीभगत से मंडी में यूपी का गेहूं बेचा जा रहा है जबकि मंडी में गेहूं लेकर आने वाले किसान नहीं बल्कि यूपी के व्यापारी शामिल हैं जो आढ़तियों से पैसे लेकर दूसरे राज्यों की सस्ती गेहूं खरीदकर मंडी में महंगे दामों में बेचते हैं।
छछरौली अनाज मंडी में सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा अब तक लगभग 780000 क्विंटल गेहूं की खरीद विभिन्न खरीद एजेंसियों द्वारा की जा चुकी है। छछरौली में 28,000 एकड़ का एरिया है, जो गेहूं के लिए पंजीकृत है। वहीं प्रताप नगर अनाज मंडी में 29000 एकड़ एरिया गेहूं खरीद के लिए पंजीकृत किया गया है।
खिजराबाद और प्रताप नगर अनाज मंडियों के 57000 एकड़ एरिया में से 1300000 क्विंटल गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा गया था जोकि कुल निर्धारित खरीद का 65% ही हुआ है। मंडी का सीजन भी 30 जून तक निरंतर चलता रहेगा। मार्केट कमेटी के सचिव ऋषि राज ने बताया कि कल तक 754000 गेहूं की खरीद की जा चुकी थी।
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source https://www.bhaskar.com/local/haryana/ambala/chacharauli/news/outside-wheat-continues-in-chhachrauli-market-villagers-fear-for-corona-127284058.html
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