जिले में रह रहे जिन प्रवासी श्रमिकों ने अपने राज्य में वापस जाने के लिए ऑनलाइन या अधिकारियों के पास जाकर रजिस्ट्रेशन करवाया था, प्रशासन ने उनका फिजिकल वैरिफिकेशन कर उनकी राय ली है। इस दौरान जिले में रह रहे यूपी, बिहार व राजस्थान के कुल 6433 में से 1286 प्रवासियों ने अपने राज्य वापस नहीं जाने का निर्णय लिया है। इनमें से अधिकतर प्रवासी कृषि श्रमिक हैं। वहीं पंजाब से आए साइकिल पर हिसार की तरफ जा रहे 12 लोगों को एसडीएम संजय बिश्नोई ने गांव खाराखेड़ी से पकड़ा। इन सभी को शहर के पंचायत भवन में बनाए गए सैल्टर होम में रखा गया है।
वहीं शहर के खैराती खेड़ा रोड स्थित एक प्लाइवूड फैक्टरी के 27 मजदूर वीरवार को लघु सचिवालय पहुंचे तथा यमुनानगर जाने की बात कही। इसके बाद प्रशासन ने उन्हें मूवमेंट पास जारी कर जाने की अनुमति दे दी। गौरतलब है कि जिले में 22 राज्यों के करीब 8 हजार प्रवासियों ने अपने राज्य में जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ है। इनमें से यूपी व राजस्थान के लोगों को प्रशासन बस में तथा बिहार के लोगों को ट्रेन से उनके राज्य में भेजरहा है।
सूचना पर 12 प्रवासियों को शेल्टर होम में रखा
वीरवार दोपहर को भाजपा के जिलाध्यक्ष वेद फूलां ने प्रशासन को सूचना दी थी कि नेशनल हाइवे पर कुछ लोग साइकिल पर सवार होकर हिसार की तरफ जा रहे हैं। इस पर कार्रवाई करते हुए एसडीएम संजय ने उक्त 12 लोगों को गांव खाराखेड़ी के पास से काबू किया। सभी लोगों को पंचायत भवन में बनाए गए शैल्टर होम में रखा गया है। ये लोग पंजाब से आए थे। सभी लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग करवाई गई।
बस की सूचना पर पहुंचे थे बस स्टैंड
बिहार के मधेपुरा के 27 लोग शहर के खैराती खेड़ा गांव के पास गणपति प्लाईवुड फेक्टरी में काम करते हैं। ये सभी वीरवार को बस चलने की अफवाह सुनकर शहर के बस स्टैंड पहुंच गए। इसके बाद बसें नहीं चलने का पता लगा तो ये सभी बस स्टैंड से लघु सचिवालय पहुंच गए तथा वहां जाकर यमुनानगर जाने की बात कही। मजदूर पवन कुमार, नरेश आदि ने बताया कि वह यमुनानगर जाना चाहते हैं। वहां पर उनके परिजन काम करते हैं तथा वे वहां से उन्हें साथ लेकर बिहार जाएंगे। फेक्टरी मालिक ने उनके रुपये दे दिए हैं। इसके बाद प्रशासन ने उन्हें पास जारी कर यमुनानगर भेज दिया।
बिहार के लिए ट्रेन कंफर्म जल्द मिलेगी टाइमिंग
विदित हो कि बीते दिन ही जिला प्रशासन ने बिहार जाने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए विशेष ट्रेन की मांग की थी। रेलवे विभाग ने जिला प्रशासन को स्पेशल ट्रेन देने की हामी भर दी है। लेकिन अभी यह तय नहीं हुआ है कि बिहार के लिए फतेहाबाद को मिली स्पेशल ट्रेेन किस दिन जाएगी। प्रशासन का दावा है कि एक या दो दिन में स्पेशल ट्रेन की टाइमिंग मिल जाएगी।
कराई फिजिकल वैरिफिकेशन
^जिले में रह रहे प्रवासी श्रमिकों की तहसीलदारों के माध्यम से फिजिकल वैरिफिकेशन करवाई गई है। 20 फीसदी ने जाने का फैसला बदल लिया है। साइकिल पर जा रहे 12 लोगों को पकड़ा है। बिहार के लिए जल्द ही स्पेशल ट्रेन मिल जाएगी।'' संजय बिश्नोई, एसडीएम, फतेहाबाद।
पश्चिम बंगाल के 5 मजदूर स्वयं के खर्च पर रवाना
पश्चिम बंगाल के चार व बिहार का एक मजदूर प्रशासन द्वारा मना करने पर स्वयं के खर्चे पर अपने घर के लिए रवाना हुए हैं। इसके लिए उन्हें अपनी मेहनत के 35 हजार रुपये खर्च करने पड़े हैं लेकिन उसके बावजूद उन्हें संतोष है कि वे अपने परिजनों के पास पहुंच जाएंगे। शक्रू मोहम्मद व मोनजुरल ने बताया कि वे लोग सनियाना की एक फैक्टरी में प्लाई बनाने का काम करते हैं। उसने बताया कि वे करीब 5 महीने पहले यहां पर आए थे। वैसे तो वे हर तीन चार माह के बाद एक बार अपने घर पर चले जाते हैं लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण वे अभी तक घर पर नहीं जा पाए। उन्होंने बताया कि हालांकि अब सरकार ने मजदूरों को अपने घर पर जाने के लिए अनुमति दे दी है। इसलिए वे भी घर जाने के लिए एसडीएम कार्यालय में गए थे। वहां उन्हें यह कहकर कि चार पांच लोगों के लिए व्यवस्था नहीं की जा सकती इसलिए वे वहां से वापस आ गए। उन्होंने बताया कि चूंकि उन्हें अपने घर पर पहुंचना था इसलिए वे उन्होंने अपने खर्चे पर 35 हजार रुपयों में यहां से एक गाड़ी की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि जो कुछ कमाया है वैसे भी यहां रहते तो भी खर्च करने पड़ते। अब परिवार के साथ रहकर खर्च करेंगे।
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source https://www.bhaskar.com/local/haryana/hisar/fatehabad/news/1286-migrants-refuse-to-go-home-due-to-physical-verification-127302705.html
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