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हिसार से पैदल जा रहे श्रमिकाें काे दिल्ली पुलिस ने केएमपी की ओर मोड़ा

हिसार से यूपी-बिहार जा रहे श्रमिकाें काे दिल्ली पुलिस ने राेक केएमपी से जाने काे कहा। पहले दिल्ली पुलिस ने रेल के माध्यम से श्रमिकों को वापस भेजा था अब वह कह रहे हैं दिल्ली को पार करना है तो केएमपी के मार्ग से पार करो। वे दिल्ली से नहीं निकलने देंगे। इसी तरह से हिसार तक से अा रहे श्रमिकों को दिल्ली बाॅर्डर से वापस केएमपी पर भेजा जा रहा है। इस तरह से वापस जाने पर श्रमिकों को पचास किलोमीटर और अधिक पैदल चलने को मजबूर होना पड़ रहा है। गौरतलब है कि 24 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने राष्‍ट्र के नाम संदेश में लॉकडाउन का ऐलान किया था। रात 8 बजे का यह ऐलान महज चार घंटों बाद, 25 मार्च की रात से लागू हो गया। उस दिन से बहादुरगढ़ जैसे औद्योगिक क्षेत्र से माइग्रेशन का सिलसिला शुरू हो गया था पर वह अब इतनी बड़ी समस्‍या खड़ी हो जाएगी कि बहादुरगढ़ में फैक्ट्री चलाने के लिए श्रमिक ही नही बचेगा यह यहां के फैक्ट्रियों के संचालकों ने व सरकार ने भी नहीं सोचा था। सरकार को इसका अंदाजा शायद अप्रैल के आखिरी दिनों में हुआ था तो श्रमिकों को यहां रोका जाने लगा जिन्हें समाजसेवियों ने भोजन भी दिया।

वहीं 1 मई से श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला किया गया। मगर प्रवासी मजदूरों की संख्‍या लाखों में थी। आधा मई गुजर चुका है और मजदूर अब तक सड़कों पर हैं। उनके भीतर गुस्‍सा भी है व महिलाओँ व बच्चों की आंखों में आसु भी है, क्‍योंकि जब उन्‍हें सरकारी मदद की सबसे ज्‍यादा जरूरत थी उस समय में प्रशासन ने उन्हें ठोकर खाने को मजबूर कर दिया है। कभी-कभी को सड़कों पर देश के बंटवारे के बाद पलायन का ऐसा दौर जैसा लोगों को दिखाई देने लगा है। कोरोना संकट के बाद रिवर्स माइग्रेशन की गंभीर चुनौती से निपटने की सारी तैयारी बेकार चले गई जब प्रशासन यहां के श्रमिकों को यहां रोकने में नाकाम सिद्ध हो गया। लॉकडाउन संकट में देश के अलग-अलग हिस्सों से सबसे अधिक मजदूर और कामगार बहादुरगढ़ से ही बिहार और उत्तर प्रदेश ही गए हैं। वह सिलसिला अभी भी जारी है। इस हिसाब से दूसरेराज्यों से बड़ी तादाद में आए मजदूर अगले कई महीनों तक वापस नहीं आएंगे।

घर वापसी की जिम्मेदारी लेनी चाहिए

अम्बेडकर सभा के अध्यक्ष राम भगत चहल ने बताया कि मजदूरों के खिलाफ ऐसे निर्णयों से समाज में बहुत बड़े तबके में असंतोष पैदा हो सकता है। रविदास सभा के महासचिव आनंद तोबड़ीया ने बताया कि आज मजदूरों को अपना किराया खर्च करके घर आना पड़ रहा है मजदूरों की घर वापसी का रेल किराया केंद्र सरकार वहन करेगी या राज्य सरकारें इस विषय पर राजनीति हो रही है केंद्र सरकार को खुद मजदूरों की घर वापसी की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।



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Delhi Police turning to KMP for laborers on foot from Hisar


source https://www.bhaskar.com/local/haryana/rohtak/bahadurgarh/news/delhi-police-turning-to-kmp-for-laborers-on-foot-from-hisar-127306494.html

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